कविता की भाव-गुणवत्ता के लिए समर्पित
प्रतिपदा --नव संवत्सर ---
प्रतिपदा --नव संवत्सर ---
सृष्टि रचयिता ने किया, सृष्टि सृजन प्रारम्भ |
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से, संवत्सर आरम्भ ||
गुड़ी-पडवा, उगादी, चेटीचंड, चित्रेय |
विशु बैसाखी प्रतिपदा, संवत्सर नवरेह |
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से, संवत्सर आरम्भ ||
गुड़ी-पडवा, उगादी, चेटीचंड, चित्रेय |
विशु बैसाखी प्रतिपदा, संवत्सर नवरेह |
शुभ शुचि सुन्दर सुखद ऋतु, आता यह शुभ वर्ष |
धूम -धाम से मनाएं , भारतीय नव-वर्ष |
ऋतु बसंत मदमा रही, पीताम्बर को ओढ़ |
हरियाली साड़ी पहन, धरती हुई विभोर |
स्वर्ण थाल सा नव, प्रथम, सूर्योदय मन भाय |
धवल चांदनी चैत की, चांदी सी बिखराय |
फूलै फले नयी फसल, नवल अन्न सरसाय |
सनातनी नव-वर्ष यह, प्रकृति-नटी हरषाय |
पाश्चात्य नववर्ष को, सब त्यागें श्रीमान |
भारतीय नववर्ष हित, अब छेड़ें अभियान ||
चित्र-गूगल ..
धूम -धाम से मनाएं , भारतीय नव-वर्ष |
ऋतु बसंत मदमा रही, पीताम्बर को ओढ़ |
हरियाली साड़ी पहन, धरती हुई विभोर |
स्वर्ण थाल सा नव, प्रथम, सूर्योदय मन भाय |
धवल चांदनी चैत की, चांदी सी बिखराय |
फूलै फले नयी फसल, नवल अन्न सरसाय |
सनातनी नव-वर्ष यह, प्रकृति-नटी हरषाय |
पाश्चात्य नववर्ष को, सब त्यागें श्रीमान |
भारतीय नववर्ष हित, अब छेड़ें अभियान ||
चित्र-गूगल ..