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शनिवार, 4 जुलाई 2020

डा श्याम गुप्त अभिनन्दन समारोह , अमृत कलश एवं तीन कृतियों का लोकार्पण ---कुछ झलकियाँ --सुषमा गुप्ता का संबोधन

                                    कविता की भाव-गुणवत्ता के लिए समर्पित


डा श्याम गुप्त अभिनन्दन समारोह , अमृत कलश एवं तीन कृतियों का लोकार्पण २२-२ -२०२०...-----कुछ झलकियाँ --सुषमा गुप्ता का संबोधन
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अमृत कलश लोकार्पण के अवसर पर दिया गया वक्तव्य---सुषमा गुप्ता
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पेशे से चिकित्सक सर्जन डा. श्यामगुप्त जहां अपने मित्रों,कालिज व मैडीकल कालिज के सहपाठियों में ‘श्यामबाबू’ के नाम से जाने जाते हैं तथा चिकित्सा के कार्यक्षेत्र में वे ‘डा. एस बी गुप्ता’के नाम से प्रसिद्ध हैं वहीं साहित्य के क्षेत्र में वे ‘डा.श्याम गुप्त’ के नाम से सुपरिचित हैं |
हमारा विवाह तो एक सर्जन से हुआ था परन्तु बाद में ज्ञात हुआ कि ये कवि भी हैं | उनका प्रथम पत्र भी कविता में ही था | फिर, टूर पर, घूमने जाने पर, कहीं भी कागज़ कलम व कैमरा साथ ही रहता था | घर की घटनाओं, बच्चों, प्रत्येक बिंदु व विषय पर कविता लिखी व सुनाई जाती रही | रेलवे की सेवा में देश भर में विभिन्न स्थानों रहे और सभी जगह कविता-कहानी लिखने व सुनाने का क्रम चलता रहा जो रेल-पत्रिकाओं, भारतीय रेल अधिकारी महिला संगठन की पत्रिकाओं आदि में प्रकाशित होती रहीं | सं २००४ में बेटी दीपिका व पुत्र निर्विकार के आग्रह पर प्रथम कृति काव्यदूत का प्रकाशन हुआ जो हमको समर्पित थी | सेवानिवृत्ति के बाद तो वे पूर्ण रूप से साहित्य को समर्पित हैं| उनका मानना है की साहित्य ही समाज को उचित दिशा दे सकता है | हिन्दी में एम ए तो हम हैं परन्तु डा श्याम गुप्त हिन्दी के भी डाक्टर बन गए हैं | वे अक्सर कहते हैं-
तन की और मन की चिकित्सा तो हमने बहुत की श्याम,
आरजू है देश समाज की सेहत को सुधारा जाए |
साहित्यिक अभिरुचि युक्त कोमल व उदारमना, विनम्र, सीधे साधे, स्वयं में मस्त , कम मिलने-जुलने वाले डा.श्यामगुप्त स्वयं में ही एक काव्य संस्था प्रतीत होते हैं | यूं भी साहित्य जगत में वे विद्रोही कवि साहित्यकार के रूप में जाने जाते हैं | वे एक स्पष्ट वक्ता, कठोर समीक्षक व आलोचक के रूप में भी सुप्रसिद्ध / कुप्रसिद्ध हैं, वहीं असज्जनों के लिए कठोर व कठोर नियम पालक भी हैं | उनके लिए किसी ने कहा भी था-----
- कितने सीधे श्याम जी, यथा जलेबी रूप |
डा. श्याम गुप्त एक विद्रोही कवि हैं | लीक से हटकर चलते हैं | नए नए प्रयोगों में विश्वास रखते हैं| हिन्दी में केवल कठोर छंदीय अनुशासन एवं ग़ज़ल में बहर बहर की बात करने वालों से वे कहते हैं –
‘यदि चाहते हैं दिल से निकले गीत-ग़ज़ल,
तो उसे नियमों की अति से न लादा जाए |’
उनके साहित्य के बारे में तो आप सब साहित्यकार-ज्ञानी जन ही कहेंगे | मूल में उनके साहित्य में नैतिकता, सदाचरण,स्त्री-विमर्श, प्रेम. संसार, धर्म, अध्यात्म, दर्शन का व्यवहारिक रूप रहता है | उनकी सभी कृतियों व रचनाओं की विषय वस्तु सामान्य धरातल –संसार-व्यवहार से प्रारम्भ होकर दर्शन व अध्यात्म के उच्च धरातल तक पहुँचती है | वे साहित्य में सत्यं शिवम सुन्दरम के पोषक हैं, उनका कथन है --
कविता वह है जो रहे सुन्दर सरल सुबोध,
जन मानस को कर सके, हर्षित, प्रखर, प्रबोध |
हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में हर विधा में विविध विषयक लगभग १५ पुस्तकें लिखने के बाद भी वे तमाम पुस्तकें लिखने में लगे हुए हैं | हिन्दी के लिए प्रतिवद्ध डा श्याम गुप्त चिकित्सा महाविद्यालय के समय से ही वे अपने हस्ताक्षर हिन्दी में कर रहे हैं, चिकित्सा विद्यालय एवं भारतीय रेल सेवा में भी यथा संभव हिन्दी में कार्य करने हेतु तत्पर रहते थे |
डा श्याम गुप्त चिकित्सा व विज्ञान विषयों पर अंग्रेज़ी में आलेखों के अलावा अंग्रेज़ी व ब्रजभाषा में साहित्यिक आलेख व कविता भी लिखते हैं | चित्रकारी व फोटोग्राफी का भी उन्हें शौक है | अपनी सभी कृतियों के कवर-पृष्ठ आपने स्वयं ही चित्रित किये हैं|
उनकी हीरक जयन्ती अवसर पर मैं उन्हें बधाई देती हूँ | साथ ही नवसृजन व अगीत संस्था को जिन्होंने ग्रन्थ का प्रकाशन एवं इस समारोह को आयोजित किया उन्हें भी बधाई देती हूँ |
सुषमा गुप्ता
एम् ए (हिन्दी), ब्रजभाषा विभूषण





गुरुवार, 2 जुलाई 2020

डा श्याम गुप्त अभिनन्दन समारोह , अमृत कलश एवं तीन कृतियों का लोकार्पण २२-२ -२०२०...-मीडिया में

                                          कविता की भाव-गुणवत्ता के लिए समर्पित


डा श्याम गुप्त अभिनन्दन समारोह , अमृत कलश एवं तीन कृतियों का लोकार्पण २२-२ -२०२०...-मीडिया में










डा श्याम गुप्त अभिनन्दन समारोह , अमृत कलश एवं तीन कृतियों का लोकार्पण २२-२ -२०२०...---अमृत कलश सम्मान - समारोह --कुछ झलकियाँ --

                                        कविता की भाव-गुणवत्ता के लिए समर्पित

डा श्याम गुप्त अभिनन्दन समारोह , अमृत कलश एवं तीन कृतियों का लोकार्पण २२-२ -२०२०...---अमृत कलश सम्मान - समारोह --कुछ झलकियाँ --















डा श्याम गुप्त अभिनन्दन समारोह , अमृत कलश एवं तीन कृतियों का लोकार्पण २२-२ -२०२०...-कुछ झलकियाँ

                                            कविता की भाव-गुणवत्ता के लिए समर्पित


डा श्याम गुप्त अभिनन्दन समारोह , अमृत कलश एवं तीन कृतियों का लोकार्पण २२-२ -२०२०...-कुछ झलकियाँ ---














डा श्याम गुप्त अभिनन्दन ग्रन्थ अमृत कलश का लोकार्पण --समारोह----कुछ झलकियाँ ---डा श्याम गुप्त

                                   कविता की भाव-गुणवत्ता के लिए समर्पित


डा श्याम गुप्त अभिनन्दन ग्रन्थ अमृत कलश का लोकार्पण --समारोह----कुछ झलकियाँ ---