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शुक्रवार, 2 अक्तूबर 2009

डॉ श्याम गुप्ता की कविता---चला जारहा मौन ?

चला जारहा कौन
कमर झुकाए लाठी टेके ,
तन पर धोती एक लपेटे |
नंगे पैरों कठिन मार्ग पर,
चला जारहा कौन ?----चला जारहा मौन|

रघुपति राघव राजा राम ,
पतित -पावन सीता राम |
मधुरिम स्वर लहरी में गाता,
चला जारहा कौन ?-----चला जारहा मौन|

ईश्वर अल्लाह तेरे नाम,
सबको सन्मति दे भगवान |
हम सबको है 'एक्य' बताता,
चला जारहा कौन ?------चला जारहा मौन |

ये तो अपने राष्ट्र -पिता हैं ,
ये तो अरे महात्मा गांधी !
ये तो विश्व वन्द्य 'बापू ' हैं,
ये तो रे इस युग की आंधी |

ये तो कलियुग के मोहन हैं ,
ये बच्चों के गांधी बाबा |
ये भारत के लौह - पुरूष हैं,
ये भारत के भाग्य विधाता|

पत्थर पर पद-चिन्ह बनाता,
आज़ादी की राह दिखाता |
सारा जग है जिसके पीछे,
चला जारहा मौन |--------चला जारहा कौन?
- ----------------------चला जारहा मौन?

2 टिप्‍पणियां:

Prem ने कहा…

vबापू के जन्म दिन पर दी गई श्रधान्जली अच्छी लगी

लता 'हया' ने कहा…

aapki tippani ke liye aabhar vyakt karti hoon;main aalochnaaon ko enjoy karti hoon.
anyway gandhi ji ki rachana acchi lagi.