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बुधवार, 2 मार्च 2016

तुम तुम और तुम". के गीत --- गीत-१५ ... धड़कन ...

                                 कविता की भाव-गुणवत्ता के लिए समर्पित    


तन वर्ष में .मेरे ..श्रृंगार व प्रेम गीतों की शीघ्र प्रकाश्य कृति ......"तुम तुम और तुम". के गीतों को यहाँ पोस्ट किया जा रहा है -----प्रस्तुत है गीत-१५ ...
धड़कन
यह कौन आरहा है
धीमे से चुपके चुपके |
यह आज किसके पग की,
पायल सी बज रही है |


पहचानता हूँ तेरी,
पायल की ध्वनि सुहानी |
मैं जानता हूँ तुम ही ,
चुपके से आरही हो |

भावों में मन की छलके,
कोई खुशी अजानी |
पायल के स्वर में दिल की
धड़कन छुपा रही हो |

मैं जानता हूँ तुम ही,
चुपके से आरही हो |
कानों में बन के सरगम,
तुम ही समा रही हो ||

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