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बुधवार, 9 मार्च 2016

"तुम तुम और तुम". के गीत----क्षितिज पर बनी एक तस्वीर हो.....गीत ..डा श्याम गुप्त

                                    कविता की भाव-गुणवत्ता के लिए समर्पित


नूतन वर्ष में .मेरे ..श्रृंगार व प्रेम गीतों की शीघ्र प्रकाश्य कृति ......"तुम तुम और तुम". के गीतों को यहाँ पोस्ट किया जा रहा है -----प्रस्तुत है गीत -२०.......
..क्षितिज पर बनी एक तस्वीर हो..--

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