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सोमवार, 7 जनवरी 2019

भारतीय विज्ञान----और अंग्रेजों की गुलामी में रचे-बसे कुछ लोग--डा श्याम गुप्त

                                        कविता की भाव-गुणवत्ता के लिए समर्पित

भारतीय विज्ञान----और अंग्रेजों की गुलामी में रचे-बसे कुछ लोग----
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फिर वही -----
--------हिंदुओं व भारतीय व वेद-पुराण में निहित वैज्ञानिक तथ्यों की चर्चा करते ही , हमारे यहाँ स्थित काले अँगरेज़, अंग्रेजों से व अंग्रेज़ी साहित्य से झूठे इतिहास पढ़े -समझे हुए तथाकथित इतिहासकार ,छद्म-सेक्यूलर एवं कुछ स्वयंभू सर्वज्ञाता पत्रकार , जिन्हें विज्ञान व वैज्ञानिकता का किंचित मात्र भी ज्ञान नहीं है -------अपना ज्ञान बघेरने में लग जाते हैं, अंग्रेजों द्वारा दिया हुआ रटा रटाया ज्ञान उड़ेलने में लग जाते हैं--------और अपने स्वदेशी ज्ञान को अवैज्ञानिक ठहराने के महत-जन्मजात कार्य में लग जाते हैं------
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------उपरोक्त चित्र में समाचार में वरिष्ठ वैज्ञानिक के जी कृष्णन ने जो कुछ कहा वह सत्य ही है ----रावण का विमानन ज्ञान , पुष्पक विमान, दशावतार सिद्धांत, राम द्वारा जयंत के पीछे निर्देशित लघु-मिसाइल ( गाइडेड मिनी मिशायल )छोड़ना, आचार्य द्रोण व कौरवों का टेस्ट -ट्यूब बेबी विधि से जन्म,,,,वशिष्ट व अगस्त्य का सरोगेसी से उत्पन्न होना ---ये सब सुप्रसिद्ध वैदिक व पौराणिक वेज्ञानिक उपलब्धियां व घटनाएँ हैं -----हज़ारों ऐसी उपलब्धियां हैं और आज का विज्ञान भी उन्हें सच मानता है --

-----आज ४०% से भी कम  अमेरिकी ही डार्विन के सिद्धांत को  मानते हैं -----
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------उस काल में अखबार , टीवी व रेडियो समस्त जनता के लिए उपलब्ध नहीं होते थे ताकि सारी जनता अपना अपना कार्य छोड़कर व्यर्थ की सूचनाओं में भ्रमित होती रहे आज की भाँति-----सब अपना अपना कार्य किया करते थे ---

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