कविता की भाव-गुणवत्ता के लिए समर्पित
मेरी शीघ्र प्रकाश्य शायरी संग्रह....." कुछ शायरी की बात होजाए ".... से ग़ज़ल, नज्में इस ब्लॉग पर प्रकाशित की जायंगी ......प्रस्तुत है....ग़ज़ल- ९ ...तू वही है ....
तू वही है
तू वही है |
प्रश्न गहरा ,
तू कहीं है |
तू कहीं है,
या नहीं है |
कौन कहता ,
तू नहीं है |
है भी तू,
है भी नहीं है |
जहाँ ढूंढो ,
तू वहीं है |
जो कहीं है ,
तू वहीं है |
वायु जल थल ,
सब कहीं है |
मैं जहां है,
तू नहीं है |
तू जहां है ,
मैं नहीं है |
प्रश्न का तो,
हल यही है |
तू ही तू है,
तू वही है |
मैं न मेरा,
सच यही है |
तत्व सारा,
बस यही है |
मैं वही हूँ ,
तू वही है |
बसा हरसू ,
श्याम ही है |
श्याम ही है,
श्याम ही है ||
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