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शुक्रवार, 12 जून 2009

क्रष्ण लीला-- गौधन चोरी

माखन की चोरी करें,नित प्रति नन्द किशोर ,
कुछ खाते कुछ फ़ेंकते मटकी देते फ़ोड ।
मटकी देते फ़ोड ,सखाओं को घर घर लेजाते,
चुपके मटकी तोड, सभी गोधन फ़ैलाते ।
देते यह सन्देश श्याम ’ समझें ब्रजवासी,
स्वयम बनें बलवान ,दीन हों मथुरा वासी॥

गोकुल वासी क्यों गये ,अर्थ् शास्त्र में भूल,
माखन दुग्ध नगर चला,गांव में उडती धूल ।
गांव में उडती धूल,गोप बछडे सब भूखे,
नगर होंय सम्पन्न ,खांय हम रूखे सूखे ।
गगरी देंगे तोड,श्याम’ सुनलें ब्रज वासी,
यदि मथुरा लेजायें,गोधन गोकुल वासी॥


2 टिप्‍पणियां:

alka mishra ने कहा…

प्रिय बन्धु,
जय हिंद
एहसास काफी सुन्दर है लेकिन जरा गगरी फोड़ने से पहले पुलिस से सांठ गाठ कर लीजियेगा
अगर आप अपने अन्नदाता किसानों और धरती माँ का कर्ज उतारना चाहते हैं तो कृपया मेरासमस्त पर पधारिये और जानकारियों का खुद भी लाभ उठाएं तथा किसानों एवं रोगियों को भी लाभान्वित करें

डा श्याम गुप्त ने कहा…

धन्यवाद,
मेरा समस्त देखा . अच्छी जान कारी है। आयुर्वेद पन्चम वेद है, इसके प्रचलन, प्रोमोशन से वहुत सी मुद्रा-बचत हो सकती है।