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शनिवार, 22 जुलाई 2023

डॉ.श्याम गुप्त की संतुलित कहानी----२२.मिकी, ट्विंकल और आराध्य..

कविता की भाव-गुणवत्ता के लिए समर्पित

२२.मिकी, ट्विंकल और आराध्य..

              महानगर के एक शानदार अपार्टमेंट के फ्लोर-वन पर स्थित एक प्ले-स्टेशन पर शाम को तमाम बच्चों हाफपेंट, जींस, हाफ-जींस, घुटनों के नीचे तक शौर्ट-पेंट, शौर्ट टॉप पहने, आपस में अंग्रेज़ी में गिट-पिट बोलते हुए, मन ही मन हैरान-परेशान चिडचिड़ाते हुए, बच्चों को ..कम थिस वे, डोंट डू दैट, स्टॉप सन, कम हीयर चिंकी, लेट अस गो, डोंट गो देयर, लेट हिम फिनिश, से हिदायतें देते हुए,.. झूले की, सी सौ, स्लिप आदि की लाइन में अपनी बारी का इंतज़ार करते’. व्हेन माई टर्न विल कम, मामा’..कहते हुए बड़े बच्चे और बोल पा सकने वाले रोते- चिडचिड़ाते हुए बच्चों के साथ उनकी युवा प्रौढ़ माताओं का झुण्ड लगा हुआ था|  पोते आराध्य को झूले पर बिठाकर झुलाते हुए मुझे लगा कि मैं अमेरिका में आगया हूँ |

          माया यू सी, नो सच क्राउड इन यूएस |’ तभी किसी युवा महिला की आवाज सुनाई दी| 

      मैं सोचने लगा, कौन आजकल अपने घर की छत या दरवाजे के कुंडे आदि से रस्सी डालकर बच्चों को घर में ही काम करते हुए झूला झुलाता है, व्यक्तिगत स्तर पर | हमें तो अब भीड़ पसंद है, भीड़ का हिस्सा बनना पसंद है....शो का, आपस में इसी प्रकार शॉर्ट में इंटरेक्ट करने का ...पर छतें कुंडे भी अब हैं ही कहाँ घरों में और आपस में इंटरेक्शन भी हो कहाँ पाता है इस भागम-भाग में, शॉर्ट-इंटरेक्शन में और इस हिन्दुस्तान में तो हर जगह क्राउड ही क्राउड है ...फौज के लिए गूजे  कहाँ से आयें| ये इतने प्ले-स्टेशन तो ऊँट के मुख में जीरा की भांति हैं | कितने प्ले-स्टेशन बनें ताकि भीड़ एकत्र हो, अमेरिका की भांति जहां कहीं क्राउड होती ही नहीं, दिन भर में चार बच्चे पब्लिक प्ले-स्टेशन पर आते होंगे |

            तभी लगभग तीन-चार वर्ष की दो लडकियां दौडती हुई आयीं | एक लडकी बोली, अन्कल, आई वांट टू स्विंग |

  वह झूल रहा है अभीमैंने कहा |

  व्हाट, झूल रहा ? दोनों एक साथ बोलीं |

  ओह ! आई मीन, ‘लैट हिम फिनिश स्विन्गिंगमैंने कहा |

  एक मिनट बाद ही अधीरता से वे बोलीं, ‘अंकल, व्हेन ही विल स्टॉप ?’

   नो बडी नोज़’, मैंने हंसते हुए उत्तर दिया |

   अंकल, व्हाट इस हिज नेम ?’

   आराध्यमैंने बताया |

   अराध्या ..दोनों एक साथ बोलीं |

   नहीं बेटा,’आराध्य ..|’

   बेटा क्या, अंकल ?

   अं.s  s  s...’सन ‘..मैंने बताया |

   वी आर नाट बौय... वी आर गर्ल्स, अंकल | ‘

   अच्छा..अच्छा ..|’

   अच्छा..व्हाट ?’

   ओह, ..यस ..ओके, मैं बोला |

  ही इज बदमाश, उनमें से एक ने कहा |

   बदमाश, क्या’, मैंने पूछा |

   बदमाश मीन्स बदमाश ..अंकल ...ही इस नाट कमिंग डाउन |’

   ओके ओके ...तुम्हारा क्या नाम है |

   यूं मीन नेम ...माई नेम इस मिकी, माई नेम इस ट्विकल... दोनों एक साथ बोलीं |’

   व्हाट मिकी मीन्स, मैंने पूछा |

  मिकी माउस, मिकी ने बताया |

   आर यू माउस, मैंने पूछा |

   मिकी चुप.....

   ओके, व्हाट इज ट्विंकल,’ मैंने ट्विंकल से पूछा |

   ट्विंकल ट्विंकल लिटिल स्टारउसने बताया |

  ओके..गुड ..बट व्हाई डोंट यूं स्पीक इन हिन्दी, मैंने प्रश्न किया |

    नो बडी स्पीक हिन्दी हीयर, अंकल |

    व्हेयर फ्रॉम आर यू ?’ मैंने मिकी से पूछा |

    इलाहाबाद |’

    सो योर मदर-टंग इज हिन्दी |’

     ‘नो, माई मम्मा-डैड आलवेज़ टाक इन इंग्लिश, अवर टीचर टाक इन इंग्लिश एंड आस्क अस टू टाक इन इंग्लिश, अवर बुक्स आर इन इंग्लिश, माई ग्रांड-पा टाक इन इंग्लिश एंड रीड इंग्लिश पेपर |’ 

       एंड यू,  मैं ट्विंकल से पूछने लगा |

     माई मदर इस फ्रॉम पंजाब एंड पापा इस टमिल, दे आलवेज़ टाक इन इंग्लिश | प्रोवेबली माई नैनी स्पीक पंजाबी |’

      यस, अवर आया एंड



सर्वेंट् स्पीक हिन्दी, दोनों एक साथ बोलीं |’

      अब मेरे चुप रह जाने की बारी थी |

 

 


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