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सोमवार, 4 मई 2020

डा श्याम गुप्त के अभिनन्दन ग्रन्थ 'अमृत कलश-- पुष्प- २--b.कवि मित्रों के उदगार-- प्रेम शंकर शास्त्री बेताव .....बिनोद कुमार सिन्हा ..

                                        कविता की भाव-गुणवत्ता के लिए समर्पित


डा श्याम गुप्त के अभिनन्दन ग्रन्थ 'अमृत कलश का लोकार्पण २२-०२-२०२० को हुआ |---तुरंत लौकडाउन के कारण कुछ विज्ञ लोगों तक नहीं पहुँच पा रही है अतः --यहाँ इसे क्रमिक पोस्टों में प्रस्तुत किया जाएगा | प्रस्तुत है --

पुष्प- २-आशंसायें, शुभकामनाएं व उद्गार, व काव्यांजलि -----
b.कवि मित्रों के उदगार-- प्रेम शंकर शास्त्री बेताव .....बिनोद कुमार सिन्हा ..

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प्रेम शंकर शास्त्री बेताव ---





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.बिनोद कुमार सिन्हा ..


  बहुआयामी व्यक्तित्व  डॉ. श्याम गुप्त : मेरे उदगार ..बिनोद कुमार सिन्हा ..
         बहुआयामी प्रतिभा के धनी हैं डॉ. श्याम गुप्त | आपका और हमारा साथ १९७४ ई. से फिरोजपुर, पंजाब से ही है | आप उत्तर रेलवेके फिरोजपुर मंडल के मंडलीय हस्पताल में शल्य चिकित्सक के पद पर आसीन थे |
       आपकी साहित्यिक गतिविधियों की जानकारी मुझे बहुत विलम्ब से हुई जब आप हमारे पडौस में आशियाना कोलोनी, लखनऊ में आकर बस गए |  मेरी काव्य रचना में रूचि आपके प्रोत्साहन एवं सहयोग से जागृत हुई | फलस्वरूप मुझे आपके आमंत्रण पर आपके निवास पर प्रति माह  प्रथम वृहस्पतिवार को आयोजित होने वाली कविगोष्ठी में भाग लेने का अवसर प्राप्त हुआ और डॉ. रंगनाथ मिश्र सत्य, प्रवर्तक अगीत विधा का सानिध्य प्राप्त हुआ |
         डॉ. श्याम गुप्त की साहित्यिक गतिविधियाँ भी बहुआयामी हैं | वर्णन करूं तो मनों पृष्ठ दर पृष्ठ विवरण भी कम पडेगा | आपने कईछंदों की सृष्टि करके हिन्दी साहित्य को धन्य कर दिया है |
        डॉ. श्याम गुप्त जी द्वारा मुझे प्रोत्साहन के फलस्वरूप, मेरे द्वारा दो पुस्तकों का लेखन करना संभव हुआ | मैं आभार व्यक्त करता हूँ | उनके अभिनंदन-ग्रन्थ के प्रकाशन पर शुभेच्छा  एवं लम्बी और प्रतिभाशाली साहित्यिक जीवन कीकामना के साथ समर्पित |

                                               ----- बिनोद कुमार सिन्हा IRPS                                      
०७-११-२०१९ ई.                             
बुलबुल, के-४२५ ए आशियाना, लखनऊ -
२२६०१२

क्रमश ----

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