कविता की भाव-गुणवत्ता के लिए
-डा श्याम गुप्त के अभिनन्दन ग्रन्थ 'अमृत कलश का लोकार्पण २२-०२-२०२० को हुआ |---तुरंत लौकडाउन के कारण कुछ विज्ञ लोगों तक नहीं पहुँच पा रही है अतः --यहाँ इसे क्रमिक पोस्टों में प्रस्तुत किया जाएगा | प्रस्तुत है - -पंचम पुष्प ----आलेख-६ -
-डा श्याम गुप्त के अभिनन्दन ग्रन्थ 'अमृत कलश का लोकार्पण २२-०२-२०२० को हुआ |---तुरंत लौकडाउन के कारण कुछ विज्ञ लोगों तक नहीं पहुँच पा रही है अतः --यहाँ इसे क्रमिक पोस्टों में प्रस्तुत किया जाएगा | प्रस्तुत है - -पंचम पुष्प ----आलेख-६ -
लघुकथाकार डा श्याम गुप्त
-----अपर्णा गुप्ता
आदरणीय डा श्याम गुप्त जी हिन्दी भाषा
के खड़ीबोली व ब्रजभाषा के बहु आयामी साहित्यकार हैं | आप गद्य पद्य दोनों विधाओं
के गीत, अगीत, नवगीत, छंदोबद्ध काव्य, ग़ज़ल, कथा, कहानी, आलेख ,निबंध, समीक्षा,
उपन्यास, नाटिका सभी में रचना करते हैं |
डा श्याम गुप्त बहुत सी रचनाओं के सहयोगी रचनाकार एवं कृतियों
की भूमिकाओं के लेखक हैं | वे इंटरनेट पर हिन्दी साहित्य के प्रचार प्रसार में भी
संलग्न हैं| साहित्य के प्रसार प्रचार हित अपने पूज्य पिता स्व.ला. जगन्नाथ प्रसाद
गुप्ता की स्मृति में प्रतिवर्ष एक मार्च
साहित्यकार दिवस पर एक साहित्यकार को सम्मानित व पुरस्कृत भी करते हैं |
आप काव्यदूत, सृष्टि महाकाव्य, ब्रजभाषा में ब्रज बांसुरी, उपन्यास इन्द्रधनुष, लक्षण ग्रन्थ ‘अगीत साहित्य दर्पण’ व कुछ शायरी
की बात होजाए आदि लगभग १५ कृतियों के रचयिता हैं जो मनमोहक गीत ,
ग़ज़ल आदि सुन्दर रचनाओं से परिपूर्ण कृतियाँ हैं |
लघुकथाकार के रूप में वे एक समर्थ
लघुकथाकार हैं| अप लघुकथा शोध
केंद्र , भोपाल की लखनऊ शाखा के सक्रिय
सदस्य हैं| आप लगभग 50 लघुकथाएं लिख चुके हैं लघुकथाकार डा श्याम गुप्त जो प्रति
माह होने वाली गोष्ठी में प्रस्तुत की जाती हैं | उनके लघुकथा पर प्रस्तुत
समीक्षाएं, व आलेख, वक्तव्य व
नीति-निर्देश आदि सार्थक, तर्कपूर्ण व विवेचनात्मक होते हैं|
अनेकों सम्मानों व उपाधियों से सम्मानित डा श्याम गुप्त जी का
व्यक्तित्व वास्तव में शोध योग्य है जिस पर लखनऊ विश्व विद्यालय में शोध भी हो
चुका है | उनकी साहित्य सेवाओं हेतु
अभिनंदन ग्रन्थ प्रकाशन पर उन्हें शुभकामनायें प्रस्तुत हैं |
आशियाना,
लखनऊ अपर्णा गुप्ता
अध्यक्ष ,
लघुकथा शोध
केंद्र , भोपाल
लखनऊ शाखा
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