कविता की भाव-गुणवत्ता के लिए समर्पित
डा श्याम गुप्त के अभिनन्दन ग्रन्थ 'अमृत कलश का लोकार्पण २२-०२-२०२० को हुआ |---तुरंत लौकडाउन के कारण कुछ विज्ञ लोगों तक नहीं पहुँच पा रही है अतः --यहाँ इसे क्रमिक पोस्टों में प्रस्तुत किया जाएगा | प्रस्तुत है --
पुष्प- २- --c मित्रों, साथियों व पारिवार के उदगार-- श्रीकांत त्रिपाठी , डा. जगदीश छाबरा ...
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श्रीकांत त्रिपाठी ---
डा श्याम के अभिनंदन ग्रन्थ के प्रकाशन की सूचना से आनंदित हूँ| एक मात्र अभिन्न मित्र श्याम के साथ मैंने भी आगरा में लगभग सात वर्ष बिताये हैं| इनकी रग रग से परिचित हूँ| साहित्यिक अभिरुचि स्वभावगत है| डा श्याम राजकीय विद्यालय आगरा की वार्षिक पत्रिका के छात्र सम्पादक हुआ करते थे| आप की एक और विशेषता, कोई भी प्रतियोगिता हो या कोई परीक्षा, एक बार में ही सफलता |
आप की रचनाओं की भी एक विशेषता है कि जब आप पढ़ना समाप्त कर चुके होते हैं तब आरम्भ होता है एक अंतरप्रवाह और हम सोचते ही चले जाते हैं देर तक दूर तक| कोइ भी रचना,कहानी,उपन्यास,कविता आदि मन में स्थायी पैठ बनातीं है |
शायद ऐसा कोई ही सर्जन होगा जो मात्र साहित्य सृजन कर रहा हो,अन्यथा अर्जन..अर्जन ..|
मैं अपने मित्र डा श्याम गुप्त के इस सम्मान के अवसर पर हार्दिक बधाई देता हूँ और उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ |
श्रीकांत त्रिपाठी
कोटा, राजस्थान
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डा जगदीश छाबरा --
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